आज, 16 जून को मेरा जन्म दिन है। यही मेरी वास्तविक जन्म तिथि है, हालाँकि आधिकारिक प्रयोजनों के लिए मेरी जन्म तिथि 3 जनवरी है। जे.एन.यू. में अपने अध्ययन काल में और उसके कुछ वर्षों बाद तक मैं 3 जनवरी को ही अपना जन्म दिन मनाया करता था जिसमें मेरे बहुत से घनिष्ठ मित्र शामिल होते थे। मेरी मित्र-मंडली में दिल्ली के विभिन्न न्यूज चैनलों एवं समाचार पत्रों में कार्यरत युवा पत्रकार और दिल्ली के विभिन्न शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे युवा लेक्चरर तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में कार्यरत युवा अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कई साथी 3 जनवरी को मेरे जन्म दिन पर अपने पेशे की तमाम व्यस्तताओं के बावजूद पार्टी में शामिल होने का समय निकाल लेते थे। लेकिन अब 3 जनवरी को घर पर जन्म-दिन की पार्टी रखने का वह सिलसिला भंग हो गया है।
मुझे अपनी वास्तविक जन्म-तिथि पहले ज्ञात नहीं थी। हाई स्कूल के सर्टिफ़िकेट में उल्लिखित जन्म-तिथि को ही मैं अपना जन्म-दिन मनाकर खुश हो लिया करता था। लेकिन दो वर्ष पहले जब विवाह के लिए पारिवारिक दबाव और रिश्तों के प्रस्तावों को टालना मेरे लिए मुश्किल हो गया तो मैंने अपनी जन्म-कुंडली बनाने की सोची। लेकिन प्रामाणिक जन्म-कुंडली के लिए जन्म की तारीख और समय का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। मेरा जन्म बिहार के मधेपुरा जिले के साहूगढ़ गाँव स्थित मेरे ननिहाल में हुआ था। (शायद यह जन्म-स्थल के संस्कारों का ही प्रभाव है कि मैं आरक्षण का इतना प्रबल समर्थक बन गया! मंडल आयोग के अध्यक्ष बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल मेरे जन्म-स्थल के ही रहने वाले थे। इतना ही नहीं, आरक्षण और सामाजिक न्याय की राजनीति के दो बड़े पुरोधा शरद यादव और लालू यादव की कर्मभूमि भी मधेपुरा ही है।) जब मैंने जन्म से संबंधित विवरणों के बारे में अपने माँ-पिताजी से पूछा तो वे भी सटीक रूप से इसे याद नहीं कर पाए। पिताजी ने शायद इसे कहीं डायरी में लिख कर रखा था, लेकिन खोजने पर 1973 की वह डायरी नहीं मिल पाई। शायद वह मेरे गाँव में प्राय: हर वर्ष आने वाली बाढ़ की भेंट चढ़ गई होगी। इसलिए मेरे लिए अपना जन्म-दिन एक पहेली बन गया था, जिसे मैंने बहुत खोजबीन और ज्योतिषीय गणनाओं के बाद अब सुलझा लिया है। इसके लिए मुझे कुछ नामचीन ज्योतिषियों की भी मदद लेनी पड़ी।
16 जून की तारीख मूल नक्षत्र में पड़ती है, जिसमें जन्म लेने वाले लोग जन्म से दुर्भाग्यशाली लेकिन कर्म से दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने वाले माने जाते हैं। तुलसीदास का उदाहरण विश्वविख्यात है। ऐसी मान्यता है कि मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले अधिकांश जातक अपने परिवार के लिए शोक का कारण बनते हैं। मूल नक्षत्र के चार भागों में से पहले तीन भाग अशुभ माने जाते हैं। इस नक्षत्र के पहले भाग में जन्म लेने वाला जातक पिता के शोक अथवा मृत्यु का कारण बनता है, दूसरे भाग में जन्म लेने वाला जातक अपनी माता के शोक अथवा मृत्यु का कारण बनता है, जबकि तीसरे भाग में जन्म लेने वाला जातक पारिवारिक संपत्ति की गंभीर हानि का कारक होता है। मेरी नानी का देहांत मेरी छठी का संस्कार समाप्त होने के तुरंत बाद अचानक हो गया था। इसके आधार पर मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि मेरा जन्म संभवत: मूल नक्षत्र के दूसरे भाग में हुआ होगा। मूल नक्षत्र के जातक को विरासत में कोई पैतृक संपत्ति प्राप्त नहीं होती। मूल नक्षत्र के जातकों की अन्य विशेषताओं के बारे में पढ़ने के बाद अपने जन्म-दिन के बारे में मेरी यह धारणा पुष्ट होती गई।
मूल नक्षत्र के जातक एक साथ कई क्षेत्रों में दिलचस्पी रखते हैं और उनमें विशेषज्ञता भी हासिल करते हैं और इसीलिए वे अपने कैरियर का क्षेत्र भी बारंबार बदलते रहते हैं। मेरे साथ तो यह प्रत्यक्ष ही हुआ है। पहले अध्यात्म, उसके बाद पत्रकारिता, फिर कार्यपालिका, उसके बाद विधायिका और अब न्यायपालिका के क्षेत्र में मेरी सक्रियता शायद मूल नक्षत्र में जन्म लेने के प्रभावस्वरूप ही बार-बार बदलती रही है। पिछले चार वर्ष में अपना कार्यस्थल मैं चार बार बदल चुका हूँ। बारंबार कार्यक्षेत्र बदलने के अपने नुकसान हैं जो मैं झेल रहा हूँ। मूल नक्षत्र के जातकों की एक बहुत बड़ी खामी यह है कि वे जिन बातों का उपदेश दूसरों को बहुत बेहतर ढंग से दे सकते हैं उनका पालन स्वयं अपने जीवन में कर पाना उनके लिए दुष्कर होता है। इसीलिए उन्हें सलाहकार की भूमिका के लिए अत्यंत उपयुक्त माना गया है। वैसे मूल नक्षत्र के अधिकतर जातक वक्ता, लेखक, दार्शनिक, आध्यात्मिक गुरु, वकील, राजनीतिज्ञ और डॉक्टर के रूप में अधिक सफल रहते हैं। जब मैं आत्मान्वेषण करता हूँ तो मुझे अपने अंदर इन सभी विशेषज्ञताओं के बीजांकुर मिलते हैं।
मैं सोचता हूँ कि ब्लॉग के माध्यम से मुझे अपने भीतर के उन बीजांकुरों को पल्लवित करने का मौका मिलेगा और शायद इसी तरह से मैं अपने जन्मजात दुर्भाग्य को सौभाग्य में परिवर्तित कर पाऊँगा। मानसी जी ज्योतिष शास्त्र की विशेषज्ञ हैं, शायद वह कुछ बेहतर प्रकाश डाल सकें। बहरहाल आप मुझे आज जन्म-दिन की बधाई दे सकते हैं, जिसकी शुरुआत इंडिया टी.वी. के पत्रकार और हिन्दी ब्लॉग जगत के सक्रिय साथी नीरज दीवान ने आज पहली बार अकस्मात सुबह-सुबह फोन पर बधाई देकर कर दी है। शायद यह टेलीपैथी का ही कमाल होगा, जिसके चमत्कारों में मेरा गहरा विश्वास है। उन्हें तो पहले से पता भी नहीं था मेरे जन्म दिन का। लेकिन जब मैं आज सुबह-सुबह यह पोस्ट लिख रहा था तो अनायास ही उनका फोन आ गया और उन्होंने बताया कि अभी-अभी जगा हूँ और आपकी याद आने लगी तो मैंने फोन कर दिया।
जन्मदिन मुबारिक हो ।
जन्म दिन की शुभकामनायें
मेरी बधाई स्विकार करें. 🙂
केक की फरमाईश “परिचर्चा” में पढ ली होगी. और क्या कहुँ.
जन्मदिन की हार्दिक बधाई !
आपको जन्मदिन की असीम शुभकामनाएँ !!
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं. 🙂
(अब समझ नहीं आ रहा कि इसके आगे क्या लिखूँ?)
सृजन शिल्पी जी, जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
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भइया, जनम दिन के बहुत बहुत बधाई!
जन्म-दिन की शुभकामनाएँ।
शुभाशीष।
प्रेमलता
आपकी इस भये प्रकट कृपाला पोस्ट से आपके बारे में तमामकारियाँ मिलीं।इससे पहले कि कैलेंडर की तारीख बदले हम अपने को उन लोगों की लिस्ट में शामिल होने से बचाने का प्रयास करते हैं जो किन्ही कारणवश आपको जन्मदिन की शुभकामनायें देने की फुरसत न निकाल सके। आपको आपके तेतीसवें जन्नदिन पर बधाई देते हुये कामना करता हूँ कि
आप सकुशल,स्वस्थ सानन्द रहते हुये निन्यानबे के फेर में भी पड़ें तथा उम्र शतक भी पूरा करें।
मेरी भी शुभकामनायें।
प्रिय मित्र, जन्मदिन की हार्दिक बधाई ! आपका अपना जन्मदिन है, जब जी चाहे मनाए।
चट्ठे से मुझे लगता है, मूल नक्षत्र के जातक काफी अन्धविशवासी भी होते है। ज्योतिष शास्त्र के साथ साथ टोने टोटके जी (http://tonetotke.wordpress.com/) से भी कुछ “प्रकाश” डला सकते है।
जन्मदिन मुबारक हो और यह दिन बार बार आये.
मैंने अपने आज के चिट्ठे में आप से हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के उपन्यास जिसका आप ने अपनी टिप्पणी में जिक्र किया था, एक फरमाईश भी की है.
आप सभी शुभचिन्तक मित्रगणों का हार्दिक धन्यवाद। आपका प्यार सदा बना रहे, यही तमन्ना है। इस मौके पर मेरी यह आरजू है:
लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी।
ज़िन्दगी शम्मअ़ की सूरत हो खुदाया मेरी।।
दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए।
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए।।
हो मेरे दम से युंही मेरे वतन की ज़ीनत।
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत।।
ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत यारब।
इल्म की शम्मअ़ से हो मुझको मोहब्बत यारब।।
हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना।
दर्द-मन्दों से, ज़ईफ़ों से मोहब्बत करना।।
मेरे अल्लाह ! बुराई से बचाना मुझको।
नेक जो राह हो उस राह पे चलाना मुझको।
(उपर्युक्त शब्द मशहूर शायर इक़बाल के हैं)
जनम दिन की बधाई। क्या आप ज्योतिष जानते हैं?
Belated happy B’day.
Pragya–>
dear sir
please let me know “JANMA NAKSHTRA” of kumbh rashi born on 20/09/1983 at 09.47 pm.
tell me about may life
mul nakshra hamesha bura nahi hota. yah jatak ko vishesh pratibhashali bhi bana sakta hai.
my date of birth 1-1-1990 at 2.40pm
date-23-09-09 day-wednesday time-1:55 minuts
mera date of birth 12 october 1982 hai.
janm samay 11-30 Pm hai
kripya mere bhavishya ke bare me jankari deve
in my hand i have a heart shape in my right hand plum , can you tell me..about this….
My date of birth is 12th February, 1950 at 4.10 PM Falgun krishana 10 sunday 2006 please .
hello sir
meri shadhi kb hogi kis saal mr kis month me
name kiran sehgal
d.o.b 27sep1985
time 10:36pm
birth place amritsar(india,punjab) REP MY MAIL KIRAN.SEHGAL50@YAHOO.IN
HINDI ME DE ANSWER,OR MUJHE YH B BTANA VIVAH KA YOG BNANE K LIE KYA KRU,MERE DATE OF BIRTH ACCODING MUJHE KAUN SA FAST RAKHU JIS SE MERE VIVAH KA YOG BN JAE,JALDLI SHADHI K LIE UPAY BTAO
please let me know “JANMA NAKSHTRA” of kumbh rashi born on 04 Oct1976 at 010.47 pm
mera janam 25.01.1975 hei .janam morning 8 to 11 am hei .meri abhi marrige nahi ho rahi kya kaaran ho sakta hei